प्रेम और सत्य एक ही सिक्के के दो पहलू हैं....मोहनदास कर्मचंद गांधी...........मुझे मित्रता की परिभाषा व्यक्त करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि मैंने ऐसा मित्र पाया है जो मेरी ख़ामोशी को समझता है

Saturday, December 25, 2010

गाँधी बाबा / दीनदयाल शर्मा


गाँधी बाबा

गाँधी बाबा आ जाओ तुम
सुन लो मेरी पुकार,
भूल गए हैं यहाँ लोग सब,
प्रेम, मोहब्बत प्यार ।

शांति, अमन और सत्य-अहिंसा
पाठ कौन सिखलाए ,
समय नहीं है पास किसी के,
कौन किसे बतियाए ,
तुम आ जाओ गाँधी बाबा,
हो सबका उद्धार ....

मारकाट में शर्म न शंका,
कैसे हो गए लोग,
कैसा संक्रामक है देखो
घर - घर फैला रोग,
दवा तुम्हीं दो गाँधी बाबा,
सबका मेटो खार.....

बन्दर तीनो मौन तुम्हारे,
इन पर भी दो ध्यान, 
कहीं हो जाए कुछ भी तीनो,
कभी न देते कान,
कहाँ मौन साधक बन बैठे,
मारो इक हुँकार.....


Friday, December 24, 2010

मां तूं घणी महान / दीनदयाल शर्मा

मां तूं घणी महान 

दुनिया दिखाई म्हानै
माणस बणाया म्हानै
गीलै में खुद तूं सोई
सूकै सुयाया म्हानै
जग में बणाई स्यान
मां तूं घणी महान।।

तेरी थां न कोई लेवै
भगवान भी है छोटौ
तेरौ हाथ म्हारै सिर पर
कियां पड़ैगौ टोटौ
जीवण दियौ तूं दान
मां तूं घणी महान।।

चरणां में तेरै अरपित
जीवण सदा मैं करस्यूं 
करजाऊ सदांई रै'स्यूं 
करजौ कियां मैं भरस्यूं 
दिन-रात तेरौ ध्यान
मां तूं घणी महान।।

-दीनदयाल शर्मा,
बाल साहित्यकार,
हनुमानगढ़, राजस्थान
मोबाइल : 09414514666

Thursday, December 23, 2010

Taabar Toli ki prti bhent men dete hue..

baal sahitykar Deendayal Sharma bacchon ke akhbar Taabar Toli ki ek prati Vaid Pratap Vaidik ji ko bhent men dete hue..sath men banye khade hain..Jain Vishw bharti , Ladanoo ke Nideshak Dr.A.P.Tripathi.. Photo Dushyant Joshi

Sunday, December 19, 2010

Pathak Manch on Baalpane Ri Baatan in Jasana Gaanv, Nohar, Hanumangarh, Rajasthan

16 - 31 December 2010, Taabar Toli


बाल साहित्यकार दीनदयाल शर्मा की राजस्थानी बाल संस्मरण पुस्तक ''बाळपणै री बातां'' पर गाँव जसाना में पाठक मंच आयोजित किया गया..उक्त रपट "टाबर टोळी  " में प्रकाशित ...

Friday, December 17, 2010

पाठक मंच : ''बाळपणै री बातां'' पर रपट

बाल साहित्यकार दीनदयाल शर्मा की राजस्थानी बाल संस्मरण पुस्तक ''बाळपणै री बातां''  पर गाँव जसाना में पाठक मंच आयोजित किया गया..उक्त रपट "दैनिक पंजाब केसरी " में प्रकाशित ...

पाठक मंच : ''बाळपणै री बातां'' पर रपट

बाल साहित्यकार दीनदयाल शर्मा की राजस्थानी बाल संस्मरण पुस्तक "बालपनै री बातां " पर गाँव जसाना में पाठक मंच आयोजित किया गया..उक्त रपट "दैनिक भास्कर" में प्रकाशित ...

पाठक मंच : ''बाळपणै री बातां'' पर रपट

बाल साहित्यकार दीनदयाल शर्मा की राजस्थानी बाल संस्मरण पुस्तक  " बाळपणै री बातां " पर गाँव जसाना में पाठक मंच आयोजित किया गया..उक्त रपट "दैनिक तेज " में प्रकाशित ...

Monday, December 13, 2010

पाठक मंच : ''बाळपणै री बातां'' / दीनदयाल शर्मा


नोहर, 13 दिसम्बर। 'यदि हमें अपने सपने पूरे करने हैं तो हमारी नींद उड़ जानी चाहिए। हम कम खाएं, कम सोएं और अधिक अध्ययनशील बनकर अपना ज्ञान बढ़ाएं। हमारा ज्ञान हमारी सबसे बड़ी पूंजी है, जिसे कोई नहीं चुरा सकता।' उक्त विचार मुख्य वक्ता एवं वरिष्ठ बाल साहित्यकार दीनदयाल शर्मा ने अपनी राजस्थानी बाल संस्मरण पुस्तक ''बाळपणै री बातां'' पर आयोजित पाठक मंच के दौरान व्यक्त किए। श्री शर्मा ने कहा कि हमें भीड़ से अलग दिखना है तो विद्यार्थी जीवन से ही अपना कैरियर चुनना होगा और इसके लिए समर्पण की भावना के साथ तब तक सक्रिय रहना है जब तक कि लक्ष्य हासिल न हो जाए। त्रिवेणी साहित्य परिषद की ओर से नोहर के निकटवर्ती गांव जसाना में बाल विकास आदर्श सीनियर सैकण्डरी स्कूल में रविवार को आयोजित इस पाठक मंच में कृति के रचनाकार दीनदयाल शर्मा ने ''बाळपणै री बातां''  पुस्तक से अपने बचपन के अनेक संस्मरण सुनाए। साहित्यकार सतीश गोल्याण ने पुस्तक पर पत्रवाचन किया और ''बाळपणै री बातां''  को राजस्थानी भाषा में बच्चों के लिए प्रेरणाप्रद होने के साथ-साथ इसे प्रथम बाल संस्मरण कृति बताया। 

इस अवसर पर हनुमानगढ़ जिला परिषद  सदस्य राजेन्द्र सिहाग ने बच्चों के लिए ''बाळपणै री बातां'' पुस्तक से प्रेरणा लेकर जीवन का लक्ष्य निर्धारित करने का आग्रह किया। अध्यापक राजेन्द्र गोदारा, रमेश सहारण, मुकेश खोसा, युवा साहित्यकार भागाराम नाई, राजपाल पाण्डर, नरेश कुलडिय़ा, रोहताश व रमेशकुमार पाण्डर, सुश्री मोनू, राजबाला, निशा, पूनम, सरोज, मनीषा, पुष्पा आदि ने पुस्तक पर विचार व्यक्त करते हुए इसे भाषा की दृष्टि से सरल और सहज बताते हुए रोचक, मनोरंजक एवं ज्ञानवद्र्धक बताया।  पाठक मंच में नर्बदा महाविद्यालय, नोहर, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, जसाना व  बाल विकास विद्यालय के अनेक छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन सतीश गोलयाण ने किया।

सतीशकुमार गोल्याण, अध्यक्ष, 
त्रिवेणी साहित्य परिषद्, जसाना, 
तहसील: नोहर, जिला: हनुमानगढ़, राजस्थान
मोबाइल : 09929230036

Suraj ek sitara hai by Deendayal Sharma

Friday, December 10, 2010

Suraj ek sitara hai by Deendayal Sharma

बड़े साइज़ में देखने के इमेज पर क्लिक करें
Suraj ek sitara hai

baal kavi : 
Deendayal Sharama

Shishu Kavya

First Edition
Feb. 2000

Published by Bodhi Prakashan, Jaipur

Rekhankan : Harish J. Thanavi


Dushyant Joshi  S/O  Deendayal Sharma
Photo : 1992

Sunday, December 5, 2010

दीनदयाल शर्मा की राजस्थानी कविताएं


दीनदयाल शर्मा की राजस्थानी कविताएं

टाबर - 1 

टाबर हांसै-मुळकै
अर
करै मीठी-मीठी बातां
टाबर 
सदांईं बोलै
सांच

आपां
टाबरां सूं  सीखां
आपां
टाबरां ज्यूं दीखां।

टाबर - 2

टाबर सूं 
कोई
क्यूं नीं 
करै बात

स्यात
इण कारण
कै
टाबर री
हरेक बात में
हुवै सुवाल।

टाबर - 3

टाबर
मार खाण रै
थोड़सीक ताळ पछै
हुज्यै
बीस्या रा बीस्या

टाबर
नीं बांधै गांठ

अर आपां
छोटी सी बात माथै
बांधल्यां घुळगांठ।

टाबर -4 

टाबरां नै
नीं खेलणद्यै
मा-बाप
माटी में


माटी सूं 
कियां हुवै मोह
टाबरां नै

स्यात 
इणी कारण
चल्याजै
थोड़साक बड्डा हुंवतांईं 
टाबरिया परदेस।

टाबर - 5

टाबर 
कित्ता बोलै सांच
नीं जाणै
बणावटी बातां
जात-पांत 

अर 
भेदभाव भी
नीं जाणै
टाबर

स्यात जदी हुवै
टाबर 
भगवान रौ रूप।

हिन्दी में लिखिए