प्रेम और सत्य एक ही सिक्के के दो पहलू हैं....मोहनदास कर्मचंद गांधी...........मुझे मित्रता की परिभाषा व्यक्त करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि मैंने ऐसा मित्र पाया है जो मेरी ख़ामोशी को समझता है

Wednesday, November 30, 2011

बाल पहेलियाँ-1 / दीनदयाल शर्मा














१.
राग सुरीली रंग से काली
सबके मन को भाती,
बैठ पेड़ की डाली पर जो
मीठे गीत सुनाती।
२.
सुबह-सवेरे घर की छत पर
करता काँव-काँव,
काले रंग में रंगा है पंछी
मिलता गाँव-गाँव।
३.
कुकडूँ कूँ जो बोला करता
सबको सुबह जगाता,
सर पर लाल कलंगी वाला
गाँव घड़ी कहलाता।
४.
नर पंछी नारी से सुन्दर
वर्षा में नाच दिखाता,
मनमोहक कृष्ण को प्यारा
राष्ट्र पक्षी कहलाता।
५.
हरी ड्रेस और लाल चोंच है
रटना जिसका काम,
कुतर कुतर कर फल खाता है
लेता हरि का नाम।

उत्तर : १. कोयल  २. कौवा  ३. मुर्गा  ४. मोर  ५. तोता


photo ..Net se sabhaar..

Taabar Toli ki aur se ek Apeel...


Sunday, November 27, 2011

अकड़ / दीनदयाल शर्मा


अकड़-अकड़ कर
क्यों चलते हो 
चूहे चिंटूराम,
ग़र बिल्ली ने 
देख लिया तो 
करेगी काम तमाम,

चूहा मुक्का तान कर बोला
नहीं डरूंगा दादी
मेरी भी अब हो गई है
इक बिल्ली से शादी।

Tuesday, November 22, 2011

एकल बाल काव्य पाठ करते हुए दीनदयाल शर्मा

 बीकानेर/ जुबिली नागरी भंडार के महाराजा नरेन्द्र सिंह ऑडिटोरियम में बाल दिवस 2011 के मौके पर  बाल साहित्यकार दीनदयाल शर्मा एकल बाल काव्य पाठ करते हुए 

हिन्दी में लिखिए