प्रेम और सत्य एक ही सिक्के के दो पहलू हैं....मोहनदास कर्मचंद गांधी...........मुझे मित्रता की परिभाषा व्यक्त करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि मैंने ऐसा मित्र पाया है जो मेरी ख़ामोशी को समझता है

Friday, March 29, 2013

दीनदयाल शर्मा पुरस्कृत

पुणे। केन्द्रीय साहित्य अकादेमी नई दिल्ली की ओर से बाल साहित्य पुरस्कार   - 2012   और  पुरस्कार वितरण समारोह पुणे (महाराष्ट्र) के  बाल गंधर्व रंग मंदिर के  सभागर में आयोजित किया गया। इसमें राजस्थानी बाल साहित्य  पुरस्कार के  लिए सुप्रसिद्ध वरिष्ठ बाल साहित्यकार दीनदयाल शर्मा को इनकी  राजस्थानी बाल निबंध कृति  'बाळपणै री बातां ' लिए पुरस्कृत  किया  गया।  पुरस्कार वितरण के  दौरान अकादेमी के  सचिव  के.एस.राव ने दीनदयाल शर्मा  के व्यक्तित्व एवं कृतित्व  पर प्रकाश  डाला। सुप्रसिद्ध मराठी  साहित्यकार  एवं मुख्य अतिथि अनिल अवचट ने दीनदयाल शर्मा को  माल्यार्पण की  । तत्पश्चात अकादेमी के  अध्यक्ष विश्वनाथ प्रसाद तिवारी ने 50,000 की राशि एवं साहित्य अकादेमी का  ताम्रपत्र देकर सम्मानित किया । उल्लेखनीय है कि  समारोह में देशभर के  अनेक  राज्यों से पधारे 24 भाषाओं के  बाल साहित्यकारों को  पुरस्कृत किया  गया। दूसरे दिन लेखक - पाठक   मिलन समारोह में सम्मानित साहित्यकारों ने सृजन प्रक्रिया एवं जीवन से जुड़े विशेष पहलुओं पर विचार व्यक्त किये  । दो दिवसीय इस पुरस्कार  वितरण समारोह के अंत में अकादेमी  सचिव श्री राव ने सभी का  आभार व्यक्त किया  । 

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