माँ
माँ तू आंगन मैं किलकारी,
माँ ममता की तुम फुलवारी।
सब पर छिड़के जान,
माँ तू बहुत महान।।
दुनिया का दरसन करवाया,
कैसे बात करें बतलाया।
दिया गुरु का ज्ञान,
माँ तू बहुत महान।।
मैं तेरी काया का टुकड़ा,
मुझको तेरा भाता मुखड़ा।
दिया है जीवनदान,
माँ तू बहुत महान।।
कैसे तेरा कर्ज चुकाऊं,
मैं तो अपना फर्ज निभाऊं।
तुझ पर मैं कुर्बान,
माँ तू बहुत महान।।
माँ तू आंगन मैं किलकारी,
माँ ममता की तुम फुलवारी।
सब पर छिड़के जान,
माँ तू बहुत महान।।
दुनिया का दरसन करवाया,
कैसे बात करें बतलाया।
दिया गुरु का ज्ञान,
माँ तू बहुत महान।।
मैं तेरी काया का टुकड़ा,
मुझको तेरा भाता मुखड़ा।
दिया है जीवनदान,
माँ तू बहुत महान।।
कैसे तेरा कर्ज चुकाऊं,
मैं तो अपना फर्ज निभाऊं।
तुझ पर मैं कुर्बान,
माँ तू बहुत महान।।
-दीनदयाल शर्मा,
बाल साहित्यकार
10/22 आर.एच.बी. कॉलोनी,
हनुमानगढ़ जंक्शन-335512
राजस्थान, भारत
8 मई 2011 के लिए मातृ दिवस पर विशेष कविता। यह कविता मैंने 13/4/2011 को लिखी।
बाल साहित्यकार
10/22 आर.एच.बी. कॉलोनी,
हनुमानगढ़ जंक्शन-335512
राजस्थान, भारत
8 मई 2011 के लिए मातृ दिवस पर विशेष कविता। यह कविता मैंने 13/4/2011 को लिखी।
हृदयस्पर्शी भाव.....
ReplyDeleteमाँ के प्रति सुन्दर भाव..सुन्दर कविता.
ReplyDeleteमातृ दिवस पर एक अनुपम भेंट है आप की यह कविता.सरल शब्दों में माँ की महिमा का वर्णन किया है .
ReplyDeleteगूगल सर्च से इस कविता तक पहुंची हूँ.
आभार.
bahut sunder kavita....
ReplyDeleteआप सबका तहेदिल से धन्यवाद...इसी तरह हौसला बढ़ाते रहें ..और में लिखता रहूँ....
ReplyDeletebahut acchi hai
ReplyDeletemaa tujhe sallaam
ReplyDeletekya kavita likhi hai.SUPERB
ReplyDeleteअति सु्दंर
ReplyDeleteBAHUT SUNDER BHAV PURN KAVITA LIKHI GAI H BADHAI
ReplyDeleteमातृ दिवस पर एक अनुपम भेंट है आप की यह कविता.सरल शब्दों में माँ की महिमा का वर्णन किया है .
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