प्रेम और सत्य एक ही सिक्के के दो पहलू हैं....मोहनदास कर्मचंद गांधी...........मुझे मित्रता की परिभाषा व्यक्त करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि मैंने ऐसा मित्र पाया है जो मेरी ख़ामोशी को समझता है

Sunday, May 23, 2010




बाल पहेलियाँ भाग 3



1. 
करो या मरो नारा जिनका,
पहनी हरदम खादी,
आजादी की खातिर जिसने,
अपनी जान गंवा दी. 



2.
छोटे कद का बड़ा आदमी,
जीवन सीधा - सादा,
बचपन से ही संघर्षशील था,
उनका अटल इरादा.



3.
माँ स्वरूप रानी थी जिनकी
पिता थे मोती लाल,
फूल गुलाब का जिन्हें प्रिय था 
प्यारे बाल गोपाल. 



4.
अधिकारों का हक़ है जन्म सिद्ध,
लेंगे हम आजादी,
जन - जन में यह अलख जगाई,
लाल - पाल का साथी.



5. 
नारी के कल्याण की खातिर
जग में जोत जगाई,
ब्रह्म समाज थरपाया जिसने,
चेतनता फैलाई.

उत्तर : 1. महात्मा गाँधी, 2. लालबहादुर शास्त्री, 3. जवाहर लाल नेहरू , 
4. बाल गंगाधर तिलक 5.राजा राममोहन राय.


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