प्रेम और सत्य एक ही सिक्के के दो पहलू हैं....मोहनदास कर्मचंद गांधी...........मुझे मित्रता की परिभाषा व्यक्त करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि मैंने ऐसा मित्र पाया है जो मेरी ख़ामोशी को समझता है
Wednesday, April 4, 2018
मेरी रेडियो नाटक की पुस्तक 'जंग जारी है' की राजस्थान पत्रिका में समीक्षा प्रकाशित... दिनांक 1 अप्रैल 2018
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