प्रेम और सत्य एक ही सिक्के के दो पहलू हैं....मोहनदास कर्मचंद गांधी...........मुझे मित्रता की परिभाषा व्यक्त करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि मैंने ऐसा मित्र पाया है जो मेरी ख़ामोशी को समझता है

Thursday, March 22, 2012

Wednesday, March 21, 2012

विश्व कविता दिवस पर विशेष


बीमारी 
म्हूँ भी कित्तो पागल हूँ
उम्मीदां  पाळने री बीमारी
कीं ज्यादा ही है म्हारे मांय
लोगाँ दांईं    
क्यूं नीं बण सकूं मैं 
मन्ने भी कुत्ता पाळना चाहिजे 
- दीनदयाल शर्मा 

Tuesday, March 20, 2012

Taabar Toli 16-31 March 2012



 http://taabartoli.blogspot.com

Sunday, March 18, 2012

सर्वाधिक पुस्तक दानदाता का पुरस्कार - 6


सर्वाधिक पुस्तक दानदाता का पुरस्कार - 5


सर्वाधिक पुस्तक दानदाता का पुरस्कार - 4


सर्वाधिक पुस्तक दानदाता का पुरस्कार - 3


सर्वाधिक पुस्तक दानदाता का पुरस्कार - 2


सर्वाधिक पुस्तक दानदाता का पुरस्कार - 1

जयपुर के बिरला सभागार में आयोजित अंतर राष्ट्रीय साक्षरता मिशन राज्य स्तरीय सम्मान समारोह - 2006 में बाल साहित्यकार दीनदयाल शर्मा को राज्य का सर्वाधिक पुस्तक दानदाता का पुरस्कार देते हुए ...उल्लेखनीय है कि शर्मा ने वर्ष 2005  में इक्यावन हजार रुपये की साहित्यिक पुस्तकें हनुमानगढ़ जिले के साक्षरता केन्द्रों पर दान में दी.. ....बीच में नीली साड़ी में...धर्मपत्नी श्रीमती कमलेश शर्मा ..

Wednesday, March 7, 2012

होली / दीनदयाल शर्मा

होली

रंगों का त्यौंहार जब आए
टाबर टोल़ी के मन भाए।

नीला पीला लाल गुलाबी
रंग आपस में खूब रचाए।

रंग की भर मारें पिचकारी
'होली है' का शोर मचाए।

सूरत सबकी एक-सी लगती
इक दूजा पहचान न पाए।

बुरा न माने इस दिन कोई
सारा ही रंग में रच जाए।।

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