प्रेम और सत्य एक ही सिक्के के दो पहलू हैं....मोहनदास कर्मचंद गांधी...........मुझे मित्रता की परिभाषा व्यक्त करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि मैंने ऐसा मित्र पाया है जो मेरी ख़ामोशी को समझता है
Saturday, January 15, 2011
Baalpane Ri Baatan : Deendayal Sharma ...Shivira -January 2011 Pustak Samiksha by Deokishan Rajpurohit
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