प्रेम और सत्य एक ही सिक्के के दो पहलू हैं....मोहनदास कर्मचंद गांधी...........मुझे मित्रता की परिभाषा व्यक्त करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि मैंने ऐसा मित्र पाया है जो मेरी ख़ामोशी को समझता है
Tuesday, November 22, 2011
एकल बाल काव्य पाठ करते हुए दीनदयाल शर्मा
बीकानेर/
जुबिली नागरी भंडार के महाराजा नरेन्द्र सिंह ऑडिटोरियम में बाल दिवस 2011 के मौके पर बाल साहित्यकार दीनदयाल शर्मा एकल बाल काव्य पाठ करते हुए
2 comments:
डॉ. मोनिका शर्मा
November 22, 2011 at 9:50 PM
सार्थक आयोजन में आपकी भागीदारी...... बधाई
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अरुण चन्द्र रॉय
November 22, 2011 at 11:30 PM
badhai aur shubhkaamnaayen....
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सार्थक आयोजन में आपकी भागीदारी...... बधाई
ReplyDeletebadhai aur shubhkaamnaayen....
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