बहुत सुन्दर. आपने कविता के साथ बाल-मंदिर ब्लाग से मेरी बिटिया सृष्टि का चित्र भी दिया, आभारी हूँ. हाँ, उसके नाम का भी उल्लेख्य करते तो और अधिक अच्छा लगता .
प्रिय नागेश जी, मुझे पता नहीं था कि ये फोटो आपकी बिटिया की है. नही तो मैं उसका नाम भी देता..मैंने ये फोटो नेट से सर्च करके इसमें लगाई है..बीटिया का नाम आप बता देते तो और भी अच्छा लगता..आपकी उदारता के लिए धन्यवाद..और नए साल पर हार्दिक बधाई....
सुंदर बाल रचना
ReplyDeleteसूरज निकला धूप सुहाई
ReplyDeleteसर्दी की अब शामत आई।
फाल्गुन आया होली आई
सर्दी की हम करें विदाई।।
sunder aur khilkhilate hue balgeet ke liye aapko hardik bhadhai
sunder kavya rachna
आपकी कवितायें हर विषय पर उम्दा ही होती हैं...
ReplyDeleteजाड़े पर लिखी गयी इस कविता में पूरा चित्र अंकित कर दिया है आपने... kamaal है आपकी कविताई का.
सर्दी का आना और जाना दोनों ही खुशहाल होता है ... लाजवाब रचना है ..
ReplyDeleteबहुत सुन्दर.
ReplyDeleteआपने कविता के साथ बाल-मंदिर ब्लाग से मेरी बिटिया सृष्टि का चित्र भी दिया, आभारी हूँ.
हाँ, उसके नाम का भी उल्लेख्य करते तो और अधिक अच्छा लगता .
प्रिय नागेश जी, मुझे पता नहीं था कि ये फोटो आपकी बिटिया की है. नही तो मैं उसका नाम भी देता..मैंने ये फोटो नेट से सर्च करके इसमें लगाई है..बीटिया का नाम आप बता देते तो और भी अच्छा लगता..आपकी उदारता के लिए धन्यवाद..और नए साल पर हार्दिक बधाई....
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