प्रेम और सत्य एक ही सिक्के के दो पहलू हैं....मोहनदास कर्मचंद गांधी...........मुझे मित्रता की परिभाषा व्यक्त करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि मैंने ऐसा मित्र पाया है जो मेरी ख़ामोशी को समझता है
Thursday, June 26, 2014
Choon-Choon ( Shishu Kavitayen ) by Deendayal Sharma
Sunday, June 15, 2014
फादर्स डे पर विशेष
फादर्स डे पर विशेष
पिताजी कहते थे
जल्दी उठो
वे खुद जल्दी उठते थे
वे कहते थे
मेहनत करो
वे खुद मेहनती थे
वे कहते थे
सच बोलो
वे खुद सच के हामी थे
वे कहते थे
ईमानदार रहो
वे खुद ईमानदार थे
मैं उनके बताए
क़दमों पर चला
आज सब कुछ है
मेरे पास .....
लेकिन पिताजी नहीं हैं..
दीनदयाल शर्मा
15 जून 2014
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