प्रेम और सत्य एक ही सिक्के के दो पहलू हैं....मोहनदास कर्मचंद गांधी...........मुझे मित्रता की परिभाषा व्यक्त करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि मैंने ऐसा मित्र पाया है जो मेरी ख़ामोशी को समझता है

Saturday, December 29, 2007

  राजस्थानी बाल साहित्य की 
उल्लेखनीय सेवाओं के लिए 
दीनदयाल शर्मा  को 
राष्ट्रीय संस्था बाल चेतना, 
जयपुर की ओर से 
सीतादेवी श्रीवास्तव स्मृति सम्मान 
प्रदान करते हुए 
दूरदर्शन के सहायक निदेशक 
डॉ. के.के. रत्तू, 
वरिष्ठ साहित्यकार 
डॉ. तारादत्त निर्विरोध 
व अन्य :सन् 2006

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