प्रेम और सत्य एक ही सिक्के के दो पहलू हैं....मोहनदास कर्मचंद गांधी...........मुझे मित्रता की परिभाषा व्यक्त करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि मैंने ऐसा मित्र पाया है जो मेरी ख़ामोशी को समझता है

Saturday, December 29, 2007

5 सितम्बर 1988 को हनुमानगढ़ जिले की 
रावतसर तहसील के बालिका विद्यालय के 
आर्थिक सहयोग हेतु मास्टर फकीरचंद 
नाटक के लेखक एवं निर्देशक 
दीनदयाल शर्मा मुख्य भूमिका 
अभिनीत करते हुए।

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