बाल पहेलियाँ भाग 4
1.
जंगल में हो या पिंजरे में
रौब सदा दिखलाता,
मांसाहारी भोजन जिसका
वनराजा कहलाता.
2.
गोल - गोल है जिसकी आँखें
भाता नहीं उजाला,
दिन में सोता रहता हरदम
रात विचरने वाला.
3.
हमने देखा अजीब अचम्भा
पैर हैं जैसे कोई खम्भा
थुलथुल काया बड़े हैं कान
सूंड इसकी होती पहचान.
4.
सरस्वती की सफ़ेद सवारी
मोती जिनको भाते,
करते अलग दूध से पानी
बोलो कौन कहाते ?
5.
कान बड़े हैं काया छोटी
कोमल - कोमल बाल,
चौकस इतना पकड़ सके ना
बड़ी तेज है चाल.
उत्तर : 1. शेर, 2. उल्लू, 3.हाथी, 4. हंस, 5. खरगोश.
बच्चों के मानसिक स्तर पर जाकर सोच पाना बेहद मुश्किल है.
ReplyDeleteफिर भी आपने पहेलियों के जिन संकेतों [क्लूज़] को दिया है पहेलियों के उत्तरों तक बच्चों को पहुँचने में थोड़े श्रम के साथ ले जाता है. मुझे इस बात कि प्रसन्नता है कि आप पहेलियों में भी बच्चों को विजयी मुस्कान दिलाना चाहते हैं.
अब आपका ब्लॉग ज्यादा अच्छा लग रहा है कम से कम आपकी पोस्ट तक पहुचना आसान हो गया है. पहेलियाँ मजेदार रहीं
ReplyDeleteपहेलियाँ मजेदार , sir
ReplyDeleteaap ko photo alag se ya answer ke saath dene chaahiye .,jis se interest bana rahega .
ise keval mera sujhav he samjhe .
dhanyavaad
aap ka chhota bhai MASTAN SINGH