प्रेम और सत्य एक ही सिक्के के दो पहलू हैं....मोहनदास कर्मचंद गांधी...........मुझे मित्रता की परिभाषा व्यक्त करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि मैंने ऐसा मित्र पाया है जो मेरी ख़ामोशी को समझता है

Monday, August 30, 2010

Mansi Sharma Dance competition Taabar Toli

4 comments:

  1. खूबसूरत...पसंद आई.
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    'पाखी की दुनिया' में अब सी-प्लेन में घूमने की तैयारी...

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  2. बहुत ही अच्छा...
    जितनी तारीफ़ करूँ कम लगती है....
    वाह ! जी ! वाह !

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  3. तेरे नर्तन को देख-देख
    शब्दों ने नर्तन छोड़ दिया
    जिह्वा तल पर कविता ने भी
    आना-जाना सब छोड़ दिया.

    मन के तनाव समाप्त हुए बाल-नृत्य देखकर. गीत की गूँज मन में गहरे चले गयी और सारी तनावों और विकारों की कीचड़ को सुखा दिया.

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  4. bahut achha laga.... ap kitna sunder dance karti ho....

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