दो अक्टूबर को जन्मे, दो भारत भाग्य विधाता। लालबहादुर-गांधी जी से, था जन-गण का नाता।। इनके चरणों में मैं, श्रद्धा से हूँ शीश झुकाता।।
गाँधी-जयंती पर सुन्दर प्रस्तुति....
अच्छी अच्छी बातों से भरी सुंदर कविता.......
राम राम भाई जीरसार्थक लेखन के लिए आभारब्लॉग4वार्ता पर आपकी पोस्ट की चर्चा है।
सुन्दर प्रस्तुति
very nice ....................
बापू जी तो हम बच्चों को खूब प्यार करते थे...प्यारी लगी यह कविता.
विजेट आपके ब्लॉग पर
दो अक्टूबर को जन्मे,
ReplyDeleteदो भारत भाग्य विधाता।
लालबहादुर-गांधी जी से,
था जन-गण का नाता।।
इनके चरणों में मैं,
श्रद्धा से हूँ शीश झुकाता।।
गाँधी-जयंती पर सुन्दर प्रस्तुति....
ReplyDeleteअच्छी अच्छी बातों से भरी सुंदर कविता.......
ReplyDeleteराम राम भाई जी
रसार्थक लेखन के लिए आभार
ब्लॉग4वार्ता पर आपकी पोस्ट की चर्चा है।
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ReplyDeleteबापू जी तो हम बच्चों को खूब प्यार करते थे...प्यारी लगी यह कविता.
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