प्रेम और सत्य एक ही सिक्के के दो पहलू हैं....मोहनदास कर्मचंद गांधी...........मुझे मित्रता की परिभाषा व्यक्त करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि मैंने ऐसा मित्र पाया है जो मेरी ख़ामोशी को समझता है

Friday, November 12, 2010

बाल साहित्यकार दीनदयाल शर्मा सम्मानित







नोहर में 10 नवम्बर 2010 को स्व. नथगिर भारती की स्मृति में बाल साहित्यकार दीनदयाल शर्मा को हिंदी व राजस्थानी में बाल साहित्य की उल्लेखनीय सेवाओं के लिए नथगिर भारती स्मृति साहित्यकार पुरस्कार से सम्मानित किया गया..पुरस्कार स्वरूप इन्हें इक्कतीस सौ रुपये नकद व स्मृति चिन्ह देकर एवं शाल ओढ़ा कर सम्मानित किया गया...

6 comments:

  1. दीनदयाल अंकल आपको बहुत बहुत बधाई......

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  2. जानकर हर्ष हुआ!
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    इसकी चर्चा चर्चा मंच पर भी है!
    http://charchamanch.blogspot.com/2010/11/337.html

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  3. अले वाह, यह तो ख़ुशी की बात है. जल्दी से मिठाई खिलाइए....और हाँ, आजकल आपने मुझे टाबर टोली अख़बार भेजना बंद कर दिया है..लगता है गुस्सा हैं. मेरे चित्र भी नहीं छापते.

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