प्रेम और सत्य एक ही सिक्के के दो पहलू हैं....मोहनदास कर्मचंद गांधी...........मुझे मित्रता की परिभाषा व्यक्त करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि मैंने ऐसा मित्र पाया है जो मेरी ख़ामोशी को समझता है
Wednesday, November 17, 2010
Deendayal Sharma with Children writers Front of Rashtrpati Bhawan, New Delhi, Baal divas, 2010
Kalpna Jain, Deshbandu Shahajahanpuri, Mishr ji, Deendayal Sharma, Dr.Rashtrbadhu ji, Mahesh Sexna, Ramesh Pant, Smt. Meera Pant & Aashish Pant, Front of Rashtrpati Bhawna, New Delhi, 14 November, 2010, Baal Diwas
1 comment:
Chaitanyaa Sharma
November 18, 2010 at 5:59 AM
अरे वाह दीनदयाल अंकल राष्ट्रपति भवन.... अच्छा लगा आपको देखकर ....
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अरे वाह दीनदयाल अंकल राष्ट्रपति भवन.... अच्छा लगा आपको देखकर ....
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