नोहर, 13 दिसम्बर। 'यदि हमें अपने सपने पूरे करने हैं तो हमारी नींद उड़ जानी चाहिए। हम कम खाएं, कम सोएं और अधिक अध्ययनशील बनकर अपना ज्ञान बढ़ाएं। हमारा ज्ञान हमारी सबसे बड़ी पूंजी है, जिसे कोई नहीं चुरा सकता।' उक्त विचार मुख्य वक्ता एवं वरिष्ठ बाल साहित्यकार दीनदयाल शर्मा ने अपनी राजस्थानी बाल संस्मरण पुस्तक ''बाळपणै री बातां'' पर आयोजित पाठक मंच के दौरान व्यक्त किए। श्री शर्मा ने कहा कि हमें भीड़ से अलग दिखना है तो विद्यार्थी जीवन से ही अपना कैरियर चुनना होगा और इसके लिए समर्पण की भावना के साथ तब तक सक्रिय रहना है जब तक कि लक्ष्य हासिल न हो जाए। त्रिवेणी साहित्य परिषद की ओर से नोहर के निकटवर्ती गांव जसाना में बाल विकास आदर्श सीनियर सैकण्डरी स्कूल में रविवार को आयोजित इस पाठक मंच में कृति के रचनाकार दीनदयाल शर्मा ने ''बाळपणै री बातां'' पुस्तक से अपने बचपन के अनेक संस्मरण सुनाए। साहित्यकार सतीश गोल्याण ने पुस्तक पर पत्रवाचन किया और ''बाळपणै री बातां'' को राजस्थानी भाषा में बच्चों के लिए प्रेरणाप्रद होने के साथ-साथ इसे प्रथम बाल संस्मरण कृति बताया।
इस अवसर पर हनुमानगढ़ जिला परिषद सदस्य राजेन्द्र सिहाग ने बच्चों के लिए ''बाळपणै री बातां'' पुस्तक से प्रेरणा लेकर जीवन का लक्ष्य निर्धारित करने का आग्रह किया। अध्यापक राजेन्द्र गोदारा, रमेश सहारण, मुकेश खोसा, युवा साहित्यकार भागाराम नाई, राजपाल पाण्डर, नरेश कुलडिय़ा, रोहताश व रमेशकुमार पाण्डर, सुश्री मोनू, राजबाला, निशा, पूनम, सरोज, मनीषा, पुष्पा आदि ने पुस्तक पर विचार व्यक्त करते हुए इसे भाषा की दृष्टि से सरल और सहज बताते हुए रोचक, मनोरंजक एवं ज्ञानवद्र्धक बताया। पाठक मंच में नर्बदा महाविद्यालय, नोहर, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, जसाना व बाल विकास विद्यालय के अनेक छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन सतीश गोलयाण ने किया।
सतीशकुमार गोल्याण, अध्यक्ष,
त्रिवेणी साहित्य परिषद्, जसाना,
तहसील: नोहर, जिला: हनुमानगढ़, राजस्थान
मोबाइल : 09929230036
बहुत बहुत बधाई......शुभकामनायें ........
ReplyDeleteबिलकुल सही कहा उन्होंने।ऐस आयोजन के लिये बधाई।
ReplyDeleteअच्छी रपट. बधाई, शुभकामनायें
ReplyDeleteबढ़िया आयोजन !
ReplyDeleteबधाई आपको ...सादर
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