गाँधी बाबा
गाँधी बाबा आ जाओ तुम
सुन लो मेरी पुकार,
भूल गए हैं यहाँ लोग सब,
प्रेम, मोहब्बत प्यार ।
शांति, अमन और सत्य-अहिंसा
पाठ कौन सिखलाए ,
समय नहीं है पास किसी के,
कौन किसे बतियाए ,
तुम आ जाओ गाँधी बाबा,
हो सबका उद्धार ....
मारकाट में शर्म न शंका,
कैसे हो गए लोग,
कैसा संक्रामक है देखो
घर - घर फैला रोग,
दवा तुम्हीं दो गाँधी बाबा,
सबका मेटो खार.....
बन्दर तीनो मौन तुम्हारे,
इन पर भी दो ध्यान,
कहीं हो जाए कुछ भी तीनो,
कभी न देते कान,
कहाँ मौन साधक बन बैठे,
मारो इक हुँकार.....
वास्तब में आज गाँधी की ज़रूरत है| बहुत अच्छी पोस्ट बधाई
ReplyDeleteशायद आपके व्लाग पर मेरी पहली हाज़िरी है ?
बढ़िया कविता.. बच्चो को प्रेरित करती..
ReplyDeleteगाँधी जी पर सुन्दर कविता..बधाई.
ReplyDelete______________________
'पाखी की दुनिया' में "तन्वी आज दो माह की.."
सुन्दर कविता ......
ReplyDeleteआपके जीवन में बारबार खुशियों का भानु उदय हो ।
ReplyDeleteनववर्ष 2011 बन्धुवर, ऐसा मंगलमय हो ।
very very happy NEW YEAR 2011
आपको नववर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनायें |
satguru-satykikhoj.blogspot.com
सुन्दर कविता ......
ReplyDeleteनव वर्ष की शुभकामनाएँ !
जय श्री कृष्ण...आपका लेखन वाकई काबिल-ए-तारीफ हैं....नव वर्ष आपके व आपके परिवार जनों, शुभ चिंतकों तथा मित्रों के जीवन को प्रगति पथ पर सफलता का सौपान करायें .....मेरी कविताओ पर टिप्पणी के लिए आपका आभार ...आगे भी इसी प्रकार प्रोत्साहित करते रहिएगा ..!!
ReplyDeletekavita aache hai
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