प्रेम और सत्य एक ही सिक्के के दो पहलू हैं....मोहनदास कर्मचंद गांधी...........मुझे मित्रता की परिभाषा व्यक्त करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि मैंने ऐसा मित्र पाया है जो मेरी ख़ामोशी को समझता है

Sunday, January 23, 2011

हार्दिक श्रद्धांजलि....

बड़े दु:खी हृदय से सूचित किया जाता है कि वरिष्ठ बाल साहित्यकार दीनदयाल शर्मा की माताश्री एवं मेरी (दुष्यंत जोशी) चौरासी वर्षीया दादीजी श्रीमती महादेवी का 18 जनवरी, 2011 (पौष शुक्ल-१४, विक्रम सम्वत 2067) को प्रातः 8:30 बजे स्वर्गवास हो गया | श्रद्धांजलि का आयोजन 29 जनवरी, 2011 को दोपहर 12:00 से 1:00 के बीच हमारे निवास 10/22, आर.एच.बी. कालोनी, टाबर टोळी गली, हनुमानगढ़ जंक्शन (राज.) में रखा गया है | Mobile- 09414514666, 9509542303

10 comments:

  1. माता जी को विनम्र श्रद्धांजलि।
    परमपिता परमेश्वर उन्हे अपने चरणो में स्थान दे।

    ReplyDelete
  2. मेरी तरफ से सादर श्रद्धांजलि!

    ReplyDelete
  3. NAMASKAR.
    MATAJI KE ISHWAR KE PAAS JANE KA SAMACHAR PADHA AUR ISHWAR KI MARJI SAMAJHH KAR AKHIR MAN KO SAMJHHA NA PADA. MAA KA JANA BAHUT HIRDAYVIDARAK HOTA H. ISHWAR UNHE APNE CHARNO MEIN SATHAN DE TATHA JISNE AAP JAISE KARMATH PUTAR KO JANAM DIYA THA US PUTAR KO TATHA USKE PARIWAR KO DUKH SAHNE KI SHAKTI PARDAN KARE.
    ON SHANTI SHANTI SHANTI

    ReplyDelete
  4. पूज्या माता जी को भावभीनी श्रद्धांजलि समर्पित करता हूँ!

    ReplyDelete
  5. माताजी को विनम्र श्रद्धांजलि ...नमन

    ReplyDelete
  6. माता जी को विनम्र श्रद्धांजलि।
    परमेश्वर अपने चरणो में उन्हे स्थान दे।

    ReplyDelete
  7. माता जी को विनम्र श्रद्धांजलि...
    ईश्वर पुण्यात्मा को शांति प्र्दान करे..

    ReplyDelete
  8. माता जी को विनम्र श्रद्धांजलि।
    परमपिता परमेश्वर उन्हे अपने चरणो में स्थान दे।
    ओम शांति शांति !

    ReplyDelete
  9. पुण्यात्मा को विनम्र श्रद्धांजलि

    ReplyDelete
  10. माता जी को विनम्र श्रद्धांजलि।
    ईश्वर पुण्यात्मा को अपने चरणो में स्थान दे।

    ReplyDelete

हिन्दी में लिखिए