प्रेम और सत्य एक ही सिक्के के दो पहलू हैं....मोहनदास कर्मचंद गांधी...........मुझे मित्रता की परिभाषा व्यक्त करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि मैंने ऐसा मित्र पाया है जो मेरी ख़ामोशी को समझता है

Tuesday, January 11, 2011

Rajasthani Baal Sahitya Sammelan, Sri Dungargarh (Bikaner) 01se 02-January 2011



1 comment:

  1. अरे वाह बाल साहित्य को लेकर बड़ा आयोजन ..... अच्छा लगा दीनदयाल अंकल.....

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