प्रेम और सत्य एक ही सिक्के के दो पहलू हैं....मोहनदास कर्मचंद गांधी...........मुझे मित्रता की परिभाषा व्यक्त करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि मैंने ऐसा मित्र पाया है जो मेरी ख़ामोशी को समझता है

Tuesday, April 12, 2011

नए वर्ष में करें इरादा / दीनदयाल शर्मा

नए वर्ष में करें इरादा
जीवन नई दिशा में मोड़ें
ग़र हो कोई बुरी आदत तो
मन में निश्चय करके छोड़ें।

4 comments:

  1. बहुत सुन्दर आपका ब्लॉग अच्छा लगा. आप इसी तरह आगे बढ़ते रहे,

    भारतीय ब्लॉग लेखक मंच
    डंके की चोट पर

    ReplyDelete
  2. बहुत अच्छी पोस्ट, शुभकामना, मैं सभी धर्मो को सम्मान देता हूँ, जिस तरह मुसलमान अपने धर्म के प्रति समर्पित है, उसी तरह हिन्दू भी समर्पित है. यदि समाज में प्रेम,आपसी सौहार्द और समरसता लानी है तो सभी के भावनाओ का सम्मान करना होगा.
    यहाँ भी आये. और अपने विचार अवश्य व्यक्त करें ताकि धार्मिक विवादों पर अंकुश लगाया जा सके.,
    मुस्लिम ब्लोगर यह बताएं क्या यह पोस्ट हिन्दुओ के भावनाओ पर कुठाराघात नहीं करती.

    ReplyDelete

हिन्दी में लिखिए