bahut sundar kavita.. mehmaan ke mahatwa ko batate hue...
बहुत बढ़िया कविता ..... इस मेहमाननवाज़ी का शुक्रिया....
दीनदयाल जी, 1 मई नै म्हे हनुमानगढ पुग रहया हां।जद ही मेहमान नवाजी करवास्यां :)राम राम
मजेदार मेहमान कविता ....
मेहमान के लिए सम्मानजनक कविता है मज़ा आ गया पढ़ कर।कभी आइये हमारे ब्लॉग पर अपना दस्तखत करे अच्छा लगेगा।मेरा ब्लॉग है wwwkufraraja.blogspot.com
Deendayal ji aapki har kavita bachchon ko ek naya sandesh deti hai.saral shabdon me sahi raah dikhati hai.Mehmaan ek saraahniye kavita.
विजेट आपके ब्लॉग पर
bahut sundar kavita.. mehmaan ke mahatwa ko batate hue...
ReplyDeleteबहुत बढ़िया कविता ..... इस मेहमाननवाज़ी का शुक्रिया....
ReplyDeleteदीनदयाल जी,
ReplyDelete1 मई नै म्हे हनुमानगढ पुग रहया हां।
जद ही मेहमान नवाजी करवास्यां :)
राम राम
मजेदार मेहमान कविता ....
ReplyDeleteमेहमान के लिए सम्मानजनक कविता है मज़ा आ गया पढ़ कर।
ReplyDeleteकभी आइये हमारे ब्लॉग पर अपना दस्तखत करे अच्छा लगेगा।
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Deendayal ji aapki har kavita bachchon ko ek naya sandesh deti hai.saral shabdon me sahi raah dikhati hai.Mehmaan ek saraahniye kavita.
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