प्रेम और सत्य एक ही सिक्के के दो पहलू हैं....मोहनदास कर्मचंद गांधी...........मुझे मित्रता की परिभाषा व्यक्त करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि मैंने ऐसा मित्र पाया है जो मेरी ख़ामोशी को समझता है
Monday, October 24, 2011
Kavi sammelan me samman Bhadara (Hanumangarh)
Deendayal Sharma ko Dhansu Kavi sammelan
Bhadara me sammanit krte hue
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