प्रेम और सत्य एक ही सिक्के के दो पहलू हैं....मोहनदास कर्मचंद गांधी...........मुझे मित्रता की परिभाषा व्यक्त करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि मैंने ऐसा मित्र पाया है जो मेरी ख़ामोशी को समझता है

Tuesday, November 15, 2011

Silver Jubilee..12 Nov. 2011


2 comments:

  1. अरे भाई,
    SILVER बता
    रहे हो ?
    मुझे तो GOLD ही
    GOLD
    नज़र आ रहा है !!

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