प्रेम और सत्य एक ही सिक्के के दो पहलू हैं....मोहनदास कर्मचंद गांधी...........मुझे मित्रता की परिभाषा व्यक्त करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि मैंने ऐसा मित्र पाया है जो मेरी ख़ामोशी को समझता है

Sunday, February 5, 2012

बेटी ऋतुप्रिया की अंगूठी रस्म की स्मृतियाँ 5


7 comments:

  1. ऋतुप्रिया दीदी को बधाई , बेस्ट विशेस

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  2. BABUL KI DUAAYE
    बाबुल की दुआएं लेती जा . . . . . .
    بابل کی دہیں لیتی جا

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  3. ऋतुप्रिया दी को बहुत-बहुत बधाई और आपको भी.

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  4. धन्यवाद अक्षिता (पाखी )..

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  5. बहुत-बहुत बधाई और बिटिया को शुभाशीष!

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