प्रेम और सत्य एक ही सिक्के के दो पहलू हैं....मोहनदास कर्मचंद गांधी...........मुझे मित्रता की परिभाषा व्यक्त करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि मैंने ऐसा मित्र पाया है जो मेरी ख़ामोशी को समझता है

Friday, August 31, 2012


केन्द्रीय साहित्य अकादमी, नई दिल्ली की ओर से राजस्थानी बाल साहित्य पुरस्कार के  लिए मेरी  राजस्थानी निबंध ( संस्मरण ) कृति  'बालपणै री बातां' का  चयन किया गया है। पुरस्कार स्वरूप  ताम्रफल·, शॉल और पचास हजार रुपये की  राशि नवंबर 2012 में अकादमी की  ओर से आयोजित भव्य समारोह में प्रदान दिए  जाएंगे।

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