प्रेम और सत्य एक ही सिक्के के दो पहलू हैं....मोहनदास कर्मचंद गांधी...........मुझे मित्रता की परिभाषा व्यक्त करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि मैंने ऐसा मित्र पाया है जो मेरी ख़ामोशी को समझता है

Monday, October 22, 2012

मरुधरा क्लासेज , हनुमानगढ़ में मैंने मुख्य वक्ता के रूप में बच्चों का मार्गदर्शन किया....इस अवसर पर मैंने अपने जीवन से जुड़े अनेक संस्मरण बच्चों से बांटे.

3 comments:

  1. इस विशेष उपलब्धि के लिए
    आपको बहुत-बहुत बधाई....
    विजयादशमी की शुभकामनाएं...
    :-)

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  2. रीना मौर्या जी...टिपण्णी के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद और आपको भी हार्दिक शुभकामनायें...

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  3. रीना मौर्या जी...टिपण्णी के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद और आपको भी हार्दिक शुभकामनायें...

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