प्रेम और सत्य एक ही सिक्के के दो पहलू हैं....मोहनदास कर्मचंद गांधी...........मुझे मित्रता की परिभाषा व्यक्त करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि मैंने ऐसा मित्र पाया है जो मेरी ख़ामोशी को समझता है

Monday, October 22, 2012

पुस्तकें भेंट में देते हुए ..


सुबीर कुमार , जिला कलेक्टर (हनुमानगढ़) को 
आज अपनी साहित्यिक पुस्तकें भेंट में देते हुए ...

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