प्रेम और सत्य एक ही सिक्के के दो पहलू हैं....मोहनदास कर्मचंद गांधी...........मुझे मित्रता की परिभाषा व्यक्त करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि मैंने ऐसा मित्र पाया है जो मेरी ख़ामोशी को समझता है

Friday, November 30, 2012

राष्ट्रपति से मिले साहित्यकारों में हनुमानगढ़ के दीनदयाल शर्मा भी....

बच्चों के लिए अच्छे लेखन के पक्षधर हैं प्रणव दाहनुमानगढ़। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी बच्चों के लिए अच्छा लेखन करने के पक्षधर हैं। हाल में नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में राजस्थान के बाल साहित्यकारों से खास मुलाकात में प्रणव दा ने यह आवश्यकता प्रतिपादित की। बच्चों के लिए लिखने वाले इन साहित्यकारों से मिलकर राष्ट्रपति बहुत खुश हुए। राष्ट्रपति से मिले साहित्यकारों में हनुमानगढ़ के दीनदयाल शर्मा भी शामिल थे। शर्मा राजस्थान के संभवत: ऐसे एक मात्र साहित्यकार हैं, जो अब तक तीन राष्ट्रपतियों एपीजे अब्दुल कलाम, प्रतिभा पाटिल तथा प्रणव मुखर्जी से मुलाकात करने का सौभाग्य पा चुके हैं। प्रणब दा से मुलाकात कैसी रही, आज हनुमानगढ़ लाइव कॉम से खास बातचीत में उन्होंने इसका खुलासा किया। शर्मा के अनुसार राष्ट्रपति ने बच्चों के लिए लेखन को बहुत अच्छा काम बताया तथा कहा कि यह काम और अच्छा होना चाहिए क्योंकि बच्चे जो कुछ पढ़ते हैं, वह उनके भविष्य के साथ जुड़ जाता है। दीनदयाल शर्मा ने बताया कि प्रणव दा से मिलने का उनका अनुभव बहुत बड़ा रहा। वे देश के प्रथम नागरिक हैं और उतने ही विनम्र भी। वे राज्य के साहित्यकारों से ऐसे मिले, जैसे उनके परिवार के सदस्य हों। अत्यंत विनम्रता से, उदारता से। प्रणव दा की तरफ से साहित्यकारों को अल्पाहार दिया गया और बाद में करीब पन्द्रह मिनट प्रणव दा ने साहित्यकारों से बातचीत की, उनकी पुस्तकें स्वीकार की और फोटो खिंचवाए। शर्मा ने बताया कि यह उनकी लगातार तीसरे राष्ट्रपति से मुलाकात थी, जो यादगार बन गई। कलाम साहब का उनकी पुस्तक 'द ड्रीम्स' का लोकार्पण करना, प्रतिभा जी का कई घंटों का साथ और प्रवण दा से ताजा मुलाकात ऐसे क्षण हैं, जो अविस्मरणीय हो गए हैं।

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