प्रेम और सत्य एक ही सिक्के के दो पहलू हैं....मोहनदास कर्मचंद गांधी...........मुझे मित्रता की परिभाषा व्यक्त करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि मैंने ऐसा मित्र पाया है जो मेरी ख़ामोशी को समझता है
Sunday, May 12, 2013
Book Review
Reet ar Preet - Deendayal Sharma's book ka Review
by Shri Naag Raj Sharma, Editor, Binjaaro, Pilani
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