प्रेम और सत्य एक ही सिक्के के दो पहलू हैं....मोहनदास कर्मचंद गांधी...........मुझे मित्रता की परिभाषा व्यक्त करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि मैंने ऐसा मित्र पाया है जो मेरी ख़ामोशी को समझता है
Sunday, August 31, 2014
Deendayal Sharma 1969 Se 2012 ke Photos...
2 comments:
Akanksha Yadav
October 14, 2014 at 9:27 PM
भिन्न-भिन्न भंगिमाएं। बधाई।
Reply
Delete
Replies
Reply
दीनदयाल शर्मा
October 15, 2014 at 8:25 AM
thankyou...Akanksha Yadav ji...
Reply
Delete
Replies
Reply
Add comment
Load more...
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
हिन्दी में लिखिए
विजेट आपके ब्लॉग पर
वेबसाइट निर्माता
दुष्यंत जोशी, हनुमानगढ़ जंक्शन, राजस्थान, Mob. 9509471504
भिन्न-भिन्न भंगिमाएं। बधाई।
ReplyDeletethankyou...Akanksha Yadav ji...
ReplyDelete