प्रेम और सत्य एक ही सिक्के के दो पहलू हैं....मोहनदास कर्मचंद गांधी...........मुझे मित्रता की परिभाषा व्यक्त करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि मैंने ऐसा मित्र पाया है जो मेरी ख़ामोशी को समझता है

Friday, November 7, 2014

अखबार ' नेशनल दुनिया ' में बच्चों की दुनिया / दीनदयाल शर्मा



आज हमारे देश के सुप्रसिद्ध अखबार ' नेशनल दुनिया ' के ' बच्चों की दुनिया ' स्तम्भ में मेरी शिशु कविताएं प्रकाशित हुई हैं... आप सभी की दुआएं और शुभकामनायें हैं...


सुबह सुबह आज कई मित्रों के फ़ोन आये और कइयों ने फेसबुक पर कमेंट किया..सबसे पहला फोन भरतपुर से मित्र मोहनलाल गुप्ता जी का मिला....इनका बहुत बहुत धन्यवाद...


आप सभी मित्रों का हृदय से आभार..इसी तरह प्यार बनाये रखें...


2 comments:

  1. Nice blog, is blog par aakar achcha laga, yaha bhi aaye.

    http://hindikavitamanch.blogspot.com/

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  2. धन्यवाद ऋषभ शुक्ला जी..

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