हिंदी बाल गीत -
गाय / दीनदयाल शर्मा
सरल सहज सी गाय हमारी,
लगती हमको सबसे प्यारी।
कई रंगों की होती है यह,
गलकंबल की शोभा न्यारी।
सिर्फ दूध ही नहीं देती यह,
घी दही मक्खन देती भारी।
बछड़ा इसका बैल बने तब,
करे खेत की जुताई सारी।
देव करोड़ों का ये घर है,
इसको पूजें मिटे बीमारी।
वैद्य हकीम बतायें सारे,
इसकी सब चीजें गुणकारी।।
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