ओ चिड़िया / दीनदयाल शर्मा
ओ चिड़िया तुम कितनी प्यारी ।
साधारण-सी शक्ल तुम्हारी ।।
चीं-चीं कर आँगन में आतीं ।
सब बच्चों के मन को भातीं ।।
भोली और लगतीं मासूम ।
जी करता तुमको लूँ चूम ।।
भाँति-भाँति के न्यारे-न्यारे ।
जीव-जंतु जहाँ रहते हैं सारे ।।
घर उनका हम सबको भाए ।
तभी तो चिडिय़ाघर कहलाए ।।
सुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteसुन्दर शब्द रचना.................
ReplyDeletehttp://savanxxx.blogspot.in
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" शनिवार 26 सितम्बर 2015 को लिंक की जाएगी ....
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