प्रेम और सत्य एक ही सिक्के के दो पहलू हैं....मोहनदास कर्मचंद गांधी...........मुझे मित्रता की परिभाषा व्यक्त करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि मैंने ऐसा मित्र पाया है जो मेरी ख़ामोशी को समझता है

Sunday, March 22, 2015

My Birthday

चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया यानी गणगौर की तीज को मेरा जन्मदिन My Birthday... है...





No comments:

Post a Comment

हिन्दी में लिखिए