बच्चों के प्रिय दीनदयाल
दुआ जिओ तुम लाखों साल
बच्चों के प्रिय दीनदयाल।
चाचा-बापू जैसे प्यारे
बच्चों की आँखों के तारे
रचना कौशल अजब आपका
बच्चों में बन जाते बाल।
पत्रकार बन नाम कमाया
शिक्षक बन बच्चों पर छाया
राजस्थानी साहित्य रचकर
हिन्दी में भी किया कमाल।
‘टाबर टोल़ी’ पत्र निकालते
मानद संपादक कहलाते
मेलभाव सबसे रखते हैं
भारत माता के ये लाल।
मृदुवाणी हँसमुख इन्सान
स्पष्टवादिता है पहचान
मिलकर सब कायल हैं इनके
मैं हूँ बिना मिले बेहाल।।
-शिवकुमार यादव,
ग्राम-नेरा कृपालपुर, पोस्ट-गौरीकरन,
तह. भोगनीपुर, जिला: कानपुर (देहात)
दुआ जिओ तुम लाखों साल
बच्चों के प्रिय दीनदयाल।
चाचा-बापू जैसे प्यारे
बच्चों की आँखों के तारे
रचना कौशल अजब आपका
बच्चों में बन जाते बाल।
पत्रकार बन नाम कमाया
शिक्षक बन बच्चों पर छाया
राजस्थानी साहित्य रचकर
हिन्दी में भी किया कमाल।
‘टाबर टोल़ी’ पत्र निकालते
मानद संपादक कहलाते
मेलभाव सबसे रखते हैं
भारत माता के ये लाल।
मृदुवाणी हँसमुख इन्सान
स्पष्टवादिता है पहचान
मिलकर सब कायल हैं इनके
मैं हूँ बिना मिले बेहाल।।
-शिवकुमार यादव,
ग्राम-नेरा कृपालपुर, पोस्ट-गौरीकरन,
तह. भोगनीपुर, जिला: कानपुर (देहात)
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