बाल हितकारी बाल मन को प्रणाम है
साहित्य साधक दीनदयाल का बाल मन
सूर मन मन्दिर सा बालकष्ण धाम है।
बालकों के लिए जिएं, बालकों के लिए लिखें
बालकों की सोच वाला बालकों का काम है।
बालकों की प्रेरणा में श्वास प्रतिश्वास बोले
आखर-आखर जपे जैसे बाल राम है।
बाल संवेदन साध, दीन के दयाल कहें
बाल हितकारी बाल मन को प्रणाम है।।
राजस्थानी हिन्दी बाल साहित्य के पुरोधा हैं
कहानी कविता मंच नाटकों का काम है।
बालक विकास हित, सृजन की ऊंचाई पे
अनेक अनेक मिले ऊंचे सनमान है।
साधते चलो रे भाई, बाल मन जीत जीत
दीना भाई मित्र बाल साधना का नाम है।
बालकों के शब्द लिए, बालकों की भाषा बोली
बाल हितकारी बाल मन को प्रणाम है।।
शिशु गीत, पहेलियां, नाटक औ कहानियां
बाल मनोविज्ञान का श्रेष्ठतम काम है।
मानवीय मूल्य बाल मन में भरे हैं खूब
खेल-खेल सीख दे के गाए सरे आम है।
जीवन की जड़ मजबूत करी साहित्य में
बालकों का हित किया, ललित ललाम है।
साहित्य साधक दीनदयाल का बाल मन
सूर मन मन्दिर सा बालकष्ण धाम है।
बालकों के लिए जिएं, बालकों के लिए लिखें
बालकों की सोच वाला बालकों का काम है।
बालकों की प्रेरणा में श्वास प्रतिश्वास बोले
आखर-आखर जपे जैसे बाल राम है।
बाल संवेदन साध, दीन के दयाल कहें
बाल हितकारी बाल मन को प्रणाम है।।
राजस्थानी हिन्दी बाल साहित्य के पुरोधा हैं
कहानी कविता मंच नाटकों का काम है।
बालक विकास हित, सृजन की ऊंचाई पे
अनेक अनेक मिले ऊंचे सनमान है।
साधते चलो रे भाई, बाल मन जीत जीत
दीना भाई मित्र बाल साधना का नाम है।
बालकों के शब्द लिए, बालकों की भाषा बोली
बाल हितकारी बाल मन को प्रणाम है।।
शिशु गीत, पहेलियां, नाटक औ कहानियां
बाल मनोविज्ञान का श्रेष्ठतम काम है।
मानवीय मूल्य बाल मन में भरे हैं खूब
खेल-खेल सीख दे के गाए सरे आम है।
जीवन की जड़ मजबूत करी साहित्य में
बालकों का हित किया, ललित ललाम है।
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