प्रेम और सत्य एक ही सिक्के के दो पहलू हैं....मोहनदास कर्मचंद गांधी...........मुझे मित्रता की परिभाषा व्यक्त करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि मैंने ऐसा मित्र पाया है जो मेरी ख़ामोशी को समझता है
Saturday, December 29, 2007
दीनदयाल शर्मा की राजस्थानी बाल नाटक कृति
"शंखेसर रा सींग" का 27 दिसम्बर 1997 को
लोकार्पण करते हुए मुख्य अतिथि
वरिष्ठ साहित्यकार यादवेन्द्र शर्मा चन्द्र।
साथ में विशिष्ट अतिथि
वरिष्ठ बाल साहित्यकार हरदर्शन सहगल ।
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
हिन्दी में लिखिए
विजेट आपके ब्लॉग पर
वेबसाइट निर्माता
दुष्यंत जोशी, हनुमानगढ़ जंक्शन, राजस्थान, Mob. 9509471504
No comments:
Post a Comment