प्रेम और सत्य एक ही सिक्के के दो पहलू हैं....मोहनदास कर्मचंद गांधी...........मुझे मित्रता की परिभाषा व्यक्त करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि मैंने ऐसा मित्र पाया है जो मेरी ख़ामोशी को समझता है

Thursday, May 27, 2010

बाल पहेलियाँ - 6 / दीनदयाल शर्मा

 बाल पहेलियाँ - 6 / दीनदयाल शर्मा






1.



राग सुरीली रंग से काली


सबके मन को भाती,


बैठ पेड़ की डाली पर जो


मीठे गीत सुनाती.



2.



सुबह - सवेरे घर की छत पर


करता कांव - कांव है,


काले रंग में रंगा है पंछी


मिलता गाँव - गाँव.





3.



कुकडू कूं जो बोला करता 


सबको सुबह जगाता,


सर पर लाल कलंगी वाला


गाँव घड़ी कहलाता.





4. 



नर पंछी नारी से सुन्दर


वर्षा में नाच दिखाए,


मनमोहक कृष्ण को प्यारा


राष्ट्र पक्षी कहलाता.





5.



हरी ड्रेस और लाल चोंच है


रटना जिसका काम,


कुतर कुतर कर फल खाता है


लेता हरि का नाम. 





उत्तर : 1. कोयल, 2. कौवा, 3. मुर्गा, 4. मोर, 5. तोता.

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