पेड़
जीवन के श्रृंगार पेड़ हैं
जीवन के आधार पेड़ हैं।
ठिगने - लम्बे, मोटे - पतले
भांत - भंतीले डार पेड़ हैं।
आसमान में बादल लाते
बरखा के हथियार पेड़ हैं।
बीमारों को दवा ये देते
प्राण वायु औजार पेड़ हैं।
रबड़, कागज, लकड़ी देते
पक्षियों के घरबार पेड़ हैं।
शीतल छाया फल देते हैं
कितने ये दातार पेड़ हैं।
खुद को समर्पित करने वाले
ईश्वर के अवतार पेड़ हैं।।
PED HE NAHIN , EK KAVI KE PARYAVARAN BACHANE KE KYA FAAYEDE HAIN , UPROKT PANKTIO SE SAAF DIKHATA HAI .
ReplyDeleteThankyou..Mastan bhaee...
DeleteGAAGAR ME SAAGAR . ,,, BADHAI .
ReplyDeletemany many thanks..
Deleteवृक्ष अमूल्य धरोहर हैं,
ReplyDeleteइनकी रक्षा करना होगा।
जीवन जीने की खातिर,
वन को जीवित रखना होगा।
तनिक-क्षणिक लालच को,
अपने मन से दूर भगाना है।
धरती का सौन्दर्य धरा पर,
हमको वापिस लाना है।।
Dr.Mayank ji..pratikriya ke liye apka bahut bahut dhanywaad..
Deleteपेड़ पर रची सर्वश्रेष्ठ कविता.
ReplyDelete"खुद को समर्पित करने वाले
ईश्वर के अवतार पेड़ हैं।।"........................... मेरे मन की बात शब्दों में आयी. सारी विशेषताएँ कविता में समायी.
मैं इस कविता के लिए आपके चरणों में नमन करता हूँ. आपके चरणों की धूल मस्तक पर लगाना मेरे लिए सुखद अनुभूति होगा. जो मन में था वह अनायास कह डाला. आपकी छवि तनावों में मुस्कान का कारण बनने लगा है. आपकी रचनाएं ना केवल बच्चों के लिए हैं मुझ जैसे अहंकारी बालक के लिए भी औषधि हैं. धन्यवाद ............ आपकी रचनाओं का पान होता रहे यही इच्छा है.
Pratul ji..ye kavita bahut acchi lgi...iske liye apka hridya se abhaar...ap isi tarh mera hausla badhate rhen..aur fir ham nai nai laydaar kavitayen apke samane laate rhen..apka fir se thanks...
Deleteबहुत अच्छी कविता .. मुझे तो बहुत पसंद आई.
ReplyDelete________________________
कल 7 जून को 'पाखी कि दुनिया' में समीर अंकल जी की प्यारी सी कविता पढना ना भूलियेगा.
Thankyou Pakhi bitiya..
DeleteWhat a nice poem ..hats off
ReplyDeletethank u i needed it for project work
Heartly thanks Yash..
Deletecoooooooooooooooooooooooooooooooooooooooooooooooool!
ReplyDeletethanks Arpit Mohapatra...
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