नानी
नानी तू है कैसी नानी
नहीं सुनाती नई कहानी।
नानी बोली प्यारे नाती
नई कहानी मुझे न आती।
मेरे पास तो वही कहानी
एक था राजा एक थी रानी।
नई बातें कहाँ से लाऊँ
तेरा मन कैसे बहलाऊँ।
तुम जानो कम्प्यूटर बानी
तुम हो ज्ञानी के भी ज्ञानी।
मैं तो हूँ बस तेरी नानी।
तुम्हीं सुनाओ कोई कहानी।।
मोबाइल
माँ, मैं भी मोबाइल लूँगा,
अच्छी-अच्छी बात करूँगा।
हर मौके पर काम यह आता,
संकट में साथी बन जाता।
होम-वर्क पर ध्यान मैं दूँगा,
पढऩे में पीछे न रहूँगा।
मेरी ख़बर चाहे कभी भी लेना,
एस० एम० एस० झट से कर देना।
स्कूल समय में रखूँगा बंद,
सदा रहूँगा मैं पाबंद।
कहाँ मैं आता कहाँ मैं जाता,
चिंता से तुझे मुक्ति दिलाता।
माँ धर तू मेरी बात पे ध्यान,
अब मोबाइल समय की शान।
हर मौके पर काम यह आता,
संकट में साथी बन जाता।
होम-वर्क पर ध्यान मैं दूँगा,
पढऩे में पीछे न रहूँगा।
मेरी ख़बर चाहे कभी भी लेना,
एस० एम० एस० झट से कर देना।
स्कूल समय में रखूँगा बंद,
सदा रहूँगा मैं पाबंद।
कहाँ मैं आता कहाँ मैं जाता,
चिंता से तुझे मुक्ति दिलाता।
माँ धर तू मेरी बात पे ध्यान,
अब मोबाइल समय की शान।
दोनों बेहतरीन!!
ReplyDeleteएकदम नए विषयों पर लिखी गई बढ़िया बाल कवितायेँ!
ReplyDeleteदोनो ही बहुत सुन्दर रहीं!
ReplyDeleteआधुनिक चिंतन को पुराने सांचों में ढला देख मन को अपार प्रसन्नता हुई. "नानी" कविता में आपने 'कंप्यूटर' की तुलना में 'कहानी' की कल्पनाशीलता के पंख क़तर दिए हैं. कंप्यूटर के ग्यानी बालक बेशक अपनी जानकारियों में इजाफ़ा कर लें, लेकिन बड़े-बूढों द्वारा सुनाये अपने अनुभव बच्चों के लिए कहानी से कम स्वादिष्ट नहीं होते.
ReplyDeleteऔर ऐसा ही स्वाद आपके सृजन में मुझे मिलता है. मेरे भीतर का बच्चा बाहर आकर कुछ देर आपके ब्लॉग-आँगन में खेलता है और फिर वापस जा छिपता है.
'मोबाइल' कविता में आपने उसकी उपयोगिता को बच्चों के सन्दर्भ में अच्छे से व्यक्त किया है. बच्चे जब बड़े होने लगते हैं मोबाइल का उपयोग झूठ बोलने में करने लगते हैं. यही दोष बुरा लगता है. उसे और छुडा दीजिये.
लाजवाब कवितायें.
बहुत प्यारी कविता..पढ़कर मजा आ गया.
ReplyDeleteBhai,Deendayal sharma ji.
ReplyDeleteNameskar,
Aap ka blog dekha or pdha.bhut hi achha lega.Aap ki nani or mobile kavita bhut hi payri or sunder hai.
Aap hindustan k sebse payre child writer ho.Aap bachho per lega tar likh rehye ho. yeh samej or bechho dono ki liye achhi bat hai.Aap n bachho k liye bhut hi kam kiya hai.bachhe Aap k dil mrehtye hai.
Bchho k chacha deendayal.jo Lal tshirt m to bhut hi jech rhye hai.
Sunder blog oe payri ci rachno k liye sadhu-bad.
NARESH MEHAN