मोबाइल
माँ, मैं भी मोबाइल लूँगा,
अच्छी-अच्छी बात करूँगा।
हर मौके पर काम यह आता,
संकट में साथी बन जाता।
होम-वर्क पर ध्यान मैं दूँगा,
पढऩे में पीछे न रहूँगा।
मेरी ख़बर चाहे कभी भी लेना,
एस० एम० एस० झट से कर देना।
स्कूल समय में रखूँगा बंद,
सदा रहूँगा मैं पाबंद।
कहाँ मैं आता कहाँ मैं जाता,
चिंता से तुझे मुक्ति दिलाता।
माँ धर तू मेरी बात पे ध्यान,
अब मोबाइल समय की शान।
अब मोबाइल समय की शान।
अब तो मैं भी मोबाईल लूंगी ....सुन्दर गीत.
ReplyDeleteबहुत अच्छी कविता....
ReplyDeleteमोबाईल जितनी ही अच्छी....
अब तो कागज के नोट जैसा मोबाईल भी मार्किट में आ रहा है, जिसे हम मोड़ कर जेब में डाल सकते हैं। सुर्य शक्ति से चलने वाले मोबाईल भी आ रहे हैं....आप को कौन सा अच्छा लगता है।
dr.sahiba...deendyal ji to latest technology wala mobile hi lenge..
ReplyDeletedeendyal ji...namaskar..bahut achha likha h aapne..badhai.