प्रेम और सत्य एक ही सिक्के के दो पहलू हैं....मोहनदास कर्मचंद गांधी...........मुझे मित्रता की परिभाषा व्यक्त करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि मैंने ऐसा मित्र पाया है जो मेरी ख़ामोशी को समझता है

Monday, September 20, 2010

Rajasthani Sahity Sammelan, Churu men 11 Sept. 2010 ko Rajasthani baal Sahity sevaon ke liye baal sahitykar Deendayal Sharma ko sammanit krte hue..atithi..





दीनदयाल शर्मा, हिंदी अर राजस्थानी रा थापित बाल साहित्यकार हैं। आं' राष्ट्रीय स्तर माथै बाल साहित्य में आपरी अळगी पिछाण बणाई है। हिंदी अर राजस्थानी में आपरी दो दर्जन सूं बेसी पोथ्यां छपी है । चंदर री चतराई , टाबर टोळी, बात रा दाम,म्हारा गुरु जी, शंखेसर रा सींग, बाळपणै री बातां, घणी स्याणप, फैसला, फैसला बदल गया, चिंटू पिंटू की सूझ, बड़ों के बचपन की कहानियां, चमत्कारी चूर्ण, कर दो बस्ता हल्का, सूरज एक सितारा है, पापा झूठ नहीं बोलते, स्यांती, घर बिगाड़ै गुस्सौ, तूं कांईं बणसी, सुणौ के स्याणौ, गिदगिदी,राजस्थानी बाल साहित्य : एक दृष्टि, नानी तूं है कैसी नानी , चूं - चूं , इक्यावन बाल पहेलियाँ., डुक पच्चीसी, मैं उल्लू हूं, सारी खुदाई एक तरफ, सपने, द ड्रीम्स आदि रा कई संस्करण छप्या है...। आपरा एक दर्जन रेडियो नाटक राज्य स्तर पर प्रसारित होया है..., पगली, मेरा कसूर क्या है, जंग जारी है, मुझे माफ कर दो, पगड़ी की लाज आद ख़ास नाटक है । आकाशवाणी अर दूरदर्शन सूं भी प्रसारित। आजकाल आप टाबरां रै अखबार टाबर टोळी रा मानद साहित्य सम्पादक। आपरा मोबाइल नंबर हैं - 094145 14666  - दुष्यंत जोशी, ब्लॉग निर्माता

3 comments:

  1. दीनदयाल अंकल जी को ढेरों बधाई...अब तो मिठाई जरुर मिलनी चाहिए.

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  2. दीनदयाल जी ,
    बधाई हो !

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