प्रेम और सत्य एक ही सिक्के के दो पहलू हैं....मोहनदास कर्मचंद गांधी...........मुझे मित्रता की परिभाषा व्यक्त करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि मैंने ऐसा मित्र पाया है जो मेरी ख़ामोशी को समझता है

Monday, October 11, 2010

Lokarpan

बाल साहित्यकार दीनदयाल शर्मा की 
तीन बाल साहित्यिक पुस्तकों का लोकार्पण


हनुमानगढ़, 11 अक्टूबर। बाल साहित्यकार दीनदयाल शर्मा की तीन बाल साहित्यिक पुस्तकें- 'नानी तंू है कैसी नानी', 'इक्यावन बाल पहेलियां' और 'राजस्थानी बाल साहित्य: एक दृष्टि..' का लोकार्पण राष्ट्रभाषा हिन्दी प्रचार समिति, श्रीडंूगरगढ़ और राजस्थान साहित्य अकादमी, उदयपुर के संयुक्त तत्वावधान में श्रीडंूगरगढ़ में आयोजित दो दिवसीय राज्य स्तरीय लेखक सम्मेलन में महाराजा गंगासिंह विश्व विद्यालय के कुलपति डॉ.गंगाराम जाखड़, दूरदर्शन केन्द्र, जयपुर के निदेशक हरीशचंद करमचंदानी, कोटा के आलोचक डॉ.हितेश व्यास और राष्ट्रभाषा समिति अध्यक्ष श्याम महर्षि ने किया। समारोह में पुस्तक विमोचन सत्र का संचालन 
साहित्यकार रवि पुरोहित ने किया।






3 comments:

  1. आपको बधाई अंकल.... बड़ी बड़ी प्यारी प्यारी किताबें है.... ज़रूर पढेंगें ...

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  2. मुझे तो आपने बुलाया ही नहीं अंकल जी...कोई बात नहीं.

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  3. मेरी बधाई स्वीकार करें. आभार

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