बाल पहेलियाँ-1 / दीनदयाल शर्मा
6
राग सुरीली रंग से काली
सबके मन को भाती,
बैठ पेड़ की डाली पर जो
मीठे गीत सुनाती।
7 .
सुबह-सवेरे घर की छत पर
करता काँव-काँव,
काले रंग में रंगा है पंछी
मिलता गाँव-गाँव।
8 .
कुकडूँ कूँ जो बोला करता
सबको सुबह जगाता,
सर पर लाल कलंगी वाला
गाँव घड़ी कहलाता।
9 .
नर पंछी नारी से सुन्दर
वर्षा में नाच दिखाता,
मनमोहक कृष्ण को प्यारा
राष्ट्र पक्षी कहलाता।
10.
हरी ड्रेस और लाल चोंच है
रटना जिसका काम,
कुतर कुतर कर फल खाता है
लेता हरि का नाम।
राग सुरीली रंग से काली
सबके मन को भाती,
बैठ पेड़ की डाली पर जो
मीठे गीत सुनाती।
7 .
सुबह-सवेरे घर की छत पर
करता काँव-काँव,
काले रंग में रंगा है पंछी
मिलता गाँव-गाँव।
8 .
कुकडूँ कूँ जो बोला करता
सबको सुबह जगाता,
सर पर लाल कलंगी वाला
गाँव घड़ी कहलाता।
9 .
नर पंछी नारी से सुन्दर
वर्षा में नाच दिखाता,
मनमोहक कृष्ण को प्यारा
राष्ट्र पक्षी कहलाता।
10.
हरी ड्रेस और लाल चोंच है
रटना जिसका काम,
कुतर कुतर कर फल खाता है
लेता हरि का नाम।