प्रेम और सत्य एक ही सिक्के के दो पहलू हैं....मोहनदास कर्मचंद गांधी...........मुझे मित्रता की परिभाषा व्यक्त करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि मैंने ऐसा मित्र पाया है जो मेरी ख़ामोशी को समझता है
Sunday, April 22, 2012
थिंकिंग
पोजिटिव थिंकिंग
जद
हवाई जाझ रो
निर्माण करवा सकै
तद
नेगेटिव थिंकिंग
करवायो
पैराशूट रो निर्माण
सोचणों जरूरी है
सोचणों चाहिजै ..
- दुष्यंत जोशी
"एकर आज्या रै चाँद" सूँ साभार..
23 अप्रैल ...विश्व पुस्तक दिवस पर विशेष
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दुष्यंत जोशी, हनुमानगढ़ जंक्शन, राजस्थान, Mob. 9509471504
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