प्रेम और सत्य एक ही सिक्के के दो पहलू हैं....मोहनदास कर्मचंद गांधी...........मुझे मित्रता की परिभाषा व्यक्त करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि मैंने ऐसा मित्र पाया है जो मेरी ख़ामोशी को समझता है

Sunday, July 27, 2014

यादें हरी हो जाती हैं....

मेरी हिंदी बाल नाटक कृति  "सपने"  के अंग्रेजी में अनुवाद "द ड्रीम्स"  का लोकार्पण 17 नवंबर 2005  को  तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम साहब ने किया..जयपुर एयर पोर्ट पर आयोजित इस कार्यक्रम में तत्कालीन आई.जी. और मेरे साहित्यिक मित्र श्री आर. पी. सिंह (वरिष्ठ आई . पी. एस. ) साथ थे......कल की सी बात लग रही है........जब भी ये कृति या फोटो देखता हूँ तो यादें हरी हो जाती हैं.....इसके बाद इसी किताब "सपने" का 2012 में पंजाबी में "सुपणे" नाम से अनुवाद किया .....पंजाबी के जाने माने बाल साहित्यकार प्रिय भाई डॉ. दर्शन सिंह आशट ने.....जबकि हिंदी से अंग्रेजी में अनुवाद  किया था..श्री गंगानगर के रिटायर्ड प्रोफ़ेसर श्री  पी. आर. गुप्ता ने.......अनुवादकों का हार्दिक आभार.. ... लोकार्पणकर्ता डॉ. कलाम साहब....इनके पी.ए. श्री एस. एम. खान साहब., बाल साहित्यकार शमशेर अहमद खान साहब.. और सभी प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष सहयोगिओं  का हार्दिक आभार..... अब मैं चाहता हूँ कि मेरी इस कृति का देश - विदेश की सभी भाषाओँ में अनुवाद हो..... ताकि इसे अधिक से अधिक पाठक वर्ग पढ़ कर लाभान्वित हो सकें.. जल्दी ही मैं अपनी मायड़ भाषा राजस्थानी में इस पुस्तक का अनुवाद करके पुस्तक रूप में छपवाना चाहूँगा.....आप सभी की दुआएं चाहिए..... पुस्तक पर जिस बच्चे का फोटो हैं..वह मेरे श्रद्धेय भाई साहब सरीखे मित्र श्री गोकुल गोस्वामी और हमारी भाभी जी श्रीमती कल्पना गोस्वामी के सुपुत्र आकाश गोस्वामी का हैं..यह आज लगभग 30 - 32 वर्ष का हैं....यह 8 -9 वर्ष का था तब मैं बुक के लिए भाभी जी से फोटो मांग कर लाया था....भाभी जी कहने लगे..फोटो क्यों आप इसे ही ले जाओ... आकाश अभी इंजिनीयर पद पर अपनी सेवाएं दे रहा हैं....और सुन्दर सी बहु हाउस वाइफ ......



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