प्रेम और सत्य एक ही सिक्के के दो पहलू हैं....मोहनदास कर्मचंद गांधी...........मुझे मित्रता की परिभाषा व्यक्त करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि मैंने ऐसा मित्र पाया है जो मेरी ख़ामोशी को समझता है

Wednesday, November 19, 2014

शिक्षा की ताकत / दीनदयाल शर्मा

हिंदी बाल कविता -

शिक्षा की ताकत / दीनदयाल शर्मा

टन टन टन जब बजे तो घंटी
भागे दौड़े जाएं स्कूल
दड़बड़ दड़बड़ सब भागें तो
उड़ती जाए गली की धूल

कंप्यूटर से करें पढ़ाई ,
नई - नई बातें बतलाई
बस्ता अब कुछ हुआ है हल्का ,
मन भारी था हो गया फुलका .

अब न कोई करे बहाना
रोजाना स्कूल को जाना ,
पढ़ लिख कुछ बनने की ठानी
शिक्षा की ताकत पहचानी..

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